ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 32
ब्लेक बेंगल्स चेप्टर 32
अरमान की शिकायत, ज्योति का नया प्लैन
अब तक आपने पढ़ा आर्या ज्योति को कॉल करता है.. देवांश और कबीर के बारे मे बताता है..दिल्ली रेल्वे स्टेशन पर ज्योति की मुलाकात यश से होती है ज्योति की ट्रिप वाली बात पर दीपक को शक होने लगता है...
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"अब आगे"
ज्योति जैसे ही उपर अपने कमरे मे जाने लगती है उसे दीपक की आवाज़ आती है जो कह रहा था "सच सच बता कहाँ गई थी और झूठ बोलने की कोशिश भी मत करना"
दीपक की आवाज़ सुन ज्योति अपनी जगह पर रुक जाती है और अपनी जीभ को दांतों के बीच दबाते हुए आँखे ज़ोर से बंद कर लेती है फिर एक गहरी सांस लेती है और सिर झुकाकर पीछे मुड़ती है..
और दोनो हाथों को आपस मे बाँध कर खड़ी हो जाती है और हकलाते हुए केहती है "भइया वो मै... वो मै... पहले आप बोलो डान्टोगे नही"
दीपक अपने दोनो हाथ आगे बांधते हुए कहता है... "वो तो तेरे आगे के शब्द डिसाइड करेंगे की तेरे साथ करना क्या है"...
ज्योति मासूम सी शकल बनाते हुए केहती है "करना क्या है से क्या मतलब.. मैने कौन सा किसी का लौंडा भगा लिया जो आप ऐसे बोल रहे हो"
दीपक ज्योति का मज़ाक उड़ाते हुए कहता है "पहले अपनी शकल देख तेरे साथ भागेगा कौन" ज्योति रोनी सूरत बनाते हुए केहती है "आप मेरा मज़ाक उड़ा रहे हो"
दीपक सीरियस होते हुए कहता है "बात मत पलट जो पूछा है उसका जवाब दे"
ज्योति अब थोड़ा सीरियस होते हुए केहती है "ठीक है बताती हूँ लेकिन आप मुझे रोकोगे नही , आप मेरे साथ मेरे रूम मे चलो" दीपक ज्योति के पीछे पीछे चल देता है
ज्योति के कमरे मे आकर ज्योति दरवाज़ा अंदर से बन्द कर देती है और अपने लेपटॉप की स्क्रीन दीपक की तरफ करते हुए उसे सब बताने लगती है
लगभग आधे घंटे मे ज्योति अमृतसर मे हुई हर एक बात बता देती है ज्योति की बात सुनने के बाद दीपक कुछ नही कहता है और ज्योति के सर पर हाथ फेर जाने लगता है तभी ज्योति पूछती है "आप कुछ बोलोगे नही"
दीपक बिना पीछे मुड़े कहता है "एक भाई होने के नाते मै तुझे रोक भी लूँ लेकिन एक फौजी का बेटा , और एक फौजी का भाई होने के नाते कैसे रोकू...ये फर्ज़ है तेरा, लेकिन एक बात याद रखना अपने फर्ज़ में ये मत भूल जाना कि तेरा एक परिवार भी है" इतना केहकर दीपक वहाँ से चला जाता है...
उसे जाता देख ज्योति खुद से ही केहती है "अगर हर फौजी यही सोचेगा तो देश के बारे मे कौन सोचेगा".... ज्योति रूम से निकलकर छत पर चली जाती है और वहाँ बैठे चाँद को देखने लगती है...
रात 12 बजे उसका फोन बजता है ज्योति जब फोन देखती है तो उसपे आर्या का नाम फ्लेश हो रहा था.... ज्योति जैसे ही फोन उठाती है सामने से आर्या की आवाज आती है "टाइम बता कर खुद ही टाइम भूल गई" आर्या की बात सुन ज्योति हल्के से अपने सर पर मारते हुए कहती है "सो सॉरी बस 2 मिनट में मैं आती हूं"
ज्योति फटाफट अपने रूम की तरफ भागती है और रूम में जाकर लैपटॉप ऑन करती है फिर आर्या और अरमान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए इनवाइट भेज देती है जल्दी ही आर्या और अरमान दोनों सामने थे
ज्योति को देख अरमान कहता है...."यार एक बात बताओ...तुम दिन में तो चैन से रहने नहीं देती हो.... कभी यह पता लगाओ कभी उसके बारे में पता लगाओ ....और रात में अगर सोने को थोड़ा बहुत मिल जाए तो उसमें भी तुम्हारे काम ही खत्म नहीं होता अगर ऐसा ही चलता रहा....तो ना तो तुम्हारा घर बसेगा...ना तुम हमारा घर बसने दोगी और अगर ऐसे ही रात भर काम करवाओगी तो इस जन्म में तो हमारे बच्चे होने से रहे"
ज्योति अरमान को घूरते हुए केहती है... "ये बात तुम्हे आर्मी जोइन करने से पहले सोचनी चाहिए थी, और उसके बाद सोचा भी तो मेरे साथ जुड़ने से पहले सोचना था... अब जो मै कह रही हूँ उसे ध्यान से सुनो"
ज्योति की बात सुन अरमान अजीब सी शकल बना लेता है और उसे शकल बनता देख आर्या को हसी आ जाती है...
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केरला विराज का घर
विराज एक वाइट बोर्ड पर ज्योति की फोटो लगाता है जिसमे ज्योति के कॉलेज टाइम की फोटोस थी और आर्मी जोइन करने के बाद की भी कुछ फोटोस् थी.... और कुछ न्यूज़ पेपर की कटिंग जिसमे ज्योति भी थी
और उसी के कॉर्नर मे देवांश की पिछले तीन साल का आधा अधूरा रिकॉर्ड... विराज उसे बोर्ड को बहुत ध्यान से देख रहा था फिर ब्लेक मार्कर से ज्योति की तस्वीर और देवांश की तस्वीर को एक लाइन से जोड़ते हुए बीच मे एक क्वेशचन मार्क लगा देता है..
फिर खुद से ही कहता है "हो ना हो तुम दोनो को जोड़ने वाली कड़ी कोई तीसरा इंसान है........क्योंकि देवांश से दुश्मनी की तुम्हारे पास और कोई वजह हो ही नही सकती... लेकिन ये कड़ी हो कौन सकता है"
अचनाक विराज को कुछ याद आता है "कही वो कड़ी तुम तो नही हो"... विराज कुछ देर उस क्वेश्चन मार्क को देखता है फिर खुद से ही कहता है..... " हो ना हो देवांश को ज्योति से जोड़ने वाली कड़ी तुम ही हो.. और अगर ये सच है तो मै तुम्हे ढूंढ कर रहूँगा"
इतना केहकर विराज बेड पर लेट जाता है और थोड़ी ही देर मे उसे नींद आ जाती है...
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"पटना ज्योति का रूम"
ज्योति के रूम मे अरमान को शकल बनाता देख आर्या को हसी आ जाती है.. आर्या को हस्ते देख ज्योति उसे घूरते हुए केहती है "लगता है मिश्रा जी को अपने दांतो से लगाओ खतम हो गया है"
इतना बस सुनना था की आर्या जल्दी से हसना बन्द कर देता है
"आज से आप दोनो मुझसे कांटेक्ट नही करेंगे तब तक जब तक मै नही करती.. और कुछ दिन के बाद मेरे भाई की शादी है तो आप दोनो उसमे आ सकते हैं... मेरे दोस्त बनकर और आज से आप लोग फ्री हैं ले...
ज्योति आगे कुछ केहती उससे पहले ही आर्या खुश होते हुए कहता है "अरे वाह अब हम कुछ दिन फ्री हैं.. ये हुई ना बात" तभी आर्या की नज़र ज्योति और अरमान पर पड़ती है जो उसे ही घूर रहे थे
आर्या खुद को कंट्रोल करते हुए कहता है... "ओह्ह सोर्री वो मै थोड़ा भावनाओ मे बेह गया था"
ज्योति सीरियस होते हुए केहती है... "अभी मेरी बात पूरी नही हुई है कैप्टन मिश्रा.. अगर आपकी इजाज़त हो तो मैं अपनी बात खतम करू" आर्या अपने दांत दिखा देता है "जी ज़रूर"
ज्योति जबरदस्ती मुस्कुराती हुई केहती है "बहुत शुक्रिया आपका... आप दोनो आज से फ्री हैं लेकिन... इस फ्री टाइम मे आप लोग कबीर ओब्रोइ और ओब्रोइ इंडस्ट्रीज के खिलाफ जीतने सबूत ला सकते हैं उतने लाइये.. कबीर को किसी भी तरह से बर्बाद करना है"
अरमान शॉक होते हुए कहता है "तुम कबीर की बात कर रही हो... कबीर ओब्रोइ वो कोई मामूली इंसान नही है... बिज़नेस टाइकुन है"
ज्योति गुस्से मे केहती "तो है तो इंसान ही और ही इज़ अ ब्लडी क्रिमिनल... इंडिया मे ड्रग का धंधा उसी का है...विदेशियों को इंडिया से लड़किया, बंदूके, ड्रग, दवाइयाँ, हर चीज़ का गलत तरीके से सप्लाई करने का काम करता है कबीर ओब्रोइ"
ज्योति की बात सुन आर्या और अरमान शॉक हो जाते हैं आर्या शॉक होते हुए कहता है "लेकिन उसका रिकॉर्ड साफ है.. आज तक किसी गलत काम मे उसका हाथ नही है"
ज्योति खामोशी से कहती है "अगर हर सही दिखने वाली चीज सही होती ना तो हमें इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती"....अरमान पूछता है "लेकिन तुम्हें इतनी सारी इनफार्मेशन मिली कहां से" ज्योति एक तिरछी मुस्कान के साथ कहती है "मैं कोई भी काम बिना वजह नहीं करती चाहे वह किसी से दोस्ती ही क्यों ना हो... और चुप चाप बैठना ज्योति की फितरत मे नही है,
रही बात इंफॉर्मेशन की तो कबीर के बारे में इंफॉर्मेशन निकलवाना कोई बड़ी बात नहीं है...बड़ी बात बस इतनी सी है कि किस तरीके से उसे बर्बाद किया जा सकता है....और अगर आर्मी की यह तीन तिगड़ी मिल जाए तो दुनिया में कोई भी काम नामुमकिन नहीं है"
आर्या कहता है "मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं"..अरमान भी मुस्कुराते हुए कहता है "मैं तो हमेशा से ही तुम्हारे साथ था"...ज्योति कहती है "ठीक है फिर आप दोनों अपना काम करो और मैं अपना काम करती हूं तब तक के लिए ओवर एन आउट"... इतना केहकर ज्योति वीडियो कॉल डिस्कनेक्ट कर देती है....
किसकी बात कर रहा है विराज? क्या प्लान कर रहे हैं आर्या, अरमान और ज्योति? क्या ज्योति अपने प्लान में कामयाब होगी? कौन है तीसरी कड़ी?
जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स
...........बाय बाय..........
madhura
11-Aug-2023 07:11 AM
Nice part
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Rajeev kumar jha
31-Jan-2023 01:04 PM
Nice
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Gunjan Kamal
29-Jan-2023 11:32 AM
बेहतरीन भाग
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